आज हम बात करेंगे उत्साहवर्धन के बारे में. दोस्तों जब भी कोई
व्यक्ति किसी काम में कोई गलती कर देता है तो लोग तुरंत उसकी आलोचना करने लग जाते हैं, लेकिन जब वही व्यक्ति कोई अच्छा काम करता है वही लोग उसकी तारीफ करना
भूल जाते हैं.
आपने अक्सर महसूस किया होगा जब भी आप कोई काम अच्छे से करते हैं तो कोई उसपर ध्यान नहीं देता या लोग उसपर ध्यान देना ही नहीं चाहते, लेकिन वे आपकी एक गलती का इंतजार करते हैं की कब उन्हें आपकी आलोचना का मौका मिले,
सच तो यह है की कई बार हम खुद भी दूसरों की तारीफ करना भूल जाते हैं उनके अच्छे कामों की और उनके अच्छे गुणों की तारीफ करना भूल जाते हैं लेकिन गलती करने पर आलोचना के लिए तत्पर रहते हैं, यही गलती हम कई बार खुद के साथ भी करते हैं, जब हम कुछ अच्छा करते हैं तो उसके लिए खुद को ईनाम देना भूल जाते हैं जबकि खुद की गलती करने पर अपने आप को कई दिनों तक कोसते रहते हैं, जिससे हमारे अंदर से किसी काम को करने का उत्साह खत्म होने लगता है,
दोस्तों खुद को और दूसरों को गलती करने पर माफ़ करना सीखें, अपनी गलतियों से सीखें और आगे बढ़ जाएँ, अच्छे काम के लिए खुद को कोई reward दें, (जैसे कोई स्वादिष्ट चीज खाना, कोई म्यूजिक सुनना या अपना पसंदीद खेल खेलना आदि..) और जब कोई आपका कोई अपना या जान पहचान का व्यक्ति कोई अच्छा काम करे तो उसकी तारीफ करके उसका हौसला बढ़ाना न भूलें.
उत्साहवर्धन में बड़ी ताकत होती है, जो लोगों को किसी काम को और बेहतर ढंग से करने के लिए प्रेरित करती है, जरा सोचकर देखिये जब कोई आपकी तारीफ करता है तो आपको कैसा महसूस होता है, यदि कोई आपसे कहे की आप बहुत समझदार हैं, बुद्धिमान हैं या बहुत अच्छे इन्सान हैं तो आपको कितना अच्छा महसूस होता है, लेकिन जब कोई आपकी बुराई करे की आप किसी काम में अच्छे नहीं हैं, आप मूर्खों जैसे काम करते हैं, या आप जिन्दगी में कुछ नहीं कर पाएंगे तो आपको कैसा महसूस होता है! यकीनन बहुत बुरा,
कभी भी किसी का हौसला तोड़ने की कोशिस मत कीजिये हमेशा दूसरों का उत्साह बढाइये,
किसी की तारीफ करने से उसके काम पर क्या अंतर पड़ता है इसे एक छोटी कहानी के माध्यम से समझते हैं,
‘एक दिन Mr. गुप्ता
ने अखवार लेने के लिए जैसे ही दरवाजा खोला तो उन्होंने देखा कि दरवाजे के सामने एक प्यारा पपी ( कुत्ते का बच्चा) खड़ा था, जो उनका अखवार उन्हें देने के लिए मुंह में लिए हुए था,
यह देखकर Mr. गुप्ता बहुत खुस और आश्चर्यचकित हुए और पपी के लिए एक रोटी लेकर आये, छोटा कुत्ता रोटी लेकर चला गया.
दूसरे दिन Mr. गुप्ता ने फिर से दरवाजा खोला तो वही कुत्ता फिर से दरवाजे के सामने खड़ा था, आज उसके मुंह में 4 अखवार थे, वह पड़ोसियों के अखवार भी उठा लाया था, उसने सोचा जब 1 अखवार के लिए 1 रोटी मिलती है तो आज मुझे 4 रोटियां मिलेंगी.’
यह देखकर Mr. गुप्ता बहुत खुस और आश्चर्यचकित हुए और पपी के लिए एक रोटी लेकर आये, छोटा कुत्ता रोटी लेकर चला गया.
दूसरे दिन Mr. गुप्ता ने फिर से दरवाजा खोला तो वही कुत्ता फिर से दरवाजे के सामने खड़ा था, आज उसके मुंह में 4 अखवार थे, वह पड़ोसियों के अखवार भी उठा लाया था, उसने सोचा जब 1 अखवार के लिए 1 रोटी मिलती है तो आज मुझे 4 रोटियां मिलेंगी.’
दोस्तों इंसानों का स्वाभाव भी एसा
ही होता है, जब कोई हमारी तारीफ करता है तो हम उस काम को और भी अच्छे से करने लगते
हैं.
happiness - Inspirational story in hindi/ जो कुछ आपके पास है उसमे खुश रहें.
happiness - Inspirational story in hindi/ जो कुछ आपके पास है उसमे खुश रहें.
आप जो पाना चाहते हैं वही दूसरों को दें, यकीनन आप दूसरों से हौसला अफजाई, तारीफ और खुशियाँ पाना चाहते हैं तो फिर आपको दूसरों को भी वही देना पड़ेगा और यकीन मानिये जो आप दूसरों को देंगे उससे वे तो प्रेरित होंगे ही आप के पास वे चीजें वापस लौटकर जरूर आएँगी.
अत: हमेशा दूसरों के अच्छे कामों की तारीफ
करें. एक बच्चे की तारीफ करें जब वह कहना माने, एक स्टूडेंट की तारीफ करें जब वह
अच्छा प्रदर्शन करे, एक व्यक्ति की तारीफ करें, जब वह किसी की मदद करे etc...
गलती ढूँढने की बजाये किसी की अच्छाई ढूंढे, और अच्छे कामों की तारीफ करें. जब किसी की तारीफ की जाती है तो उसका उत्साह कई गुना बढ़ जाता है और वह उस काम को और भी मन से करने लगता है, दूसरी ओर जब किसी की आलोचना की जाती है तो कार्य के प्रति उसकी इच्छा कम या खत्म हो जाती है, और उसका आत्मविश्वास भी कम हो जाता है,
जिससे आने वाले समय में कार्य और भी खराब हो जाता है, तारीफ करने से सभी (तारीफ करने वाले और सुनने वाले दोनों) के अंदर सकारात्मकता फैलती है जबकि आलोचना करने से नकारात्मकता फैलती है. अत: आज से ही लोगों की तारीफ करना सुरू कर दीजिये.
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गलती ढूँढने की बजाये किसी की अच्छाई ढूंढे, और अच्छे कामों की तारीफ करें. जब किसी की तारीफ की जाती है तो उसका उत्साह कई गुना बढ़ जाता है और वह उस काम को और भी मन से करने लगता है, दूसरी ओर जब किसी की आलोचना की जाती है तो कार्य के प्रति उसकी इच्छा कम या खत्म हो जाती है, और उसका आत्मविश्वास भी कम हो जाता है,
जिससे आने वाले समय में कार्य और भी खराब हो जाता है, तारीफ करने से सभी (तारीफ करने वाले और सुनने वाले दोनों) के अंदर सकारात्मकता फैलती है जबकि आलोचना करने से नकारात्मकता फैलती है. अत: आज से ही लोगों की तारीफ करना सुरू कर दीजिये.
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