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Thursday, February 22, 2018

CHANGE/बदलाव hindi story-Changes are impotent in life,/jeevn me parivartan jroory hain

"Your Life Does not Get Better by CHANCE, 



      It Gets Better by CHANGE"       


                                                             -     Jim Rohn                                                  


       परिवर्तन प्रकृति का नियम है, यह बात जानते तो सब हैं लेकिन कितने लोग इस नियम के साथ खुद को भी समय के साथ बदलते हैं! शायद बहुत कम लोग!




     इन्सान शारीरिक व मानसिक रूप से पहले से विकसित हो गया है और अभी भी हो रहा है, यही तो परिवर्तन है जो हमे पहले से अधिक बेहतर बनाता है.


    अगर इन्सान में परिवर्तन न होता तो किसी के हाथ में मोबाइल न होता, किसी के पास T. V., फ्रिज, लाइट, कंप्यूटर, गाड़ी, अच्छा खाना और भी बहुत सी चीजे नहीं होती और इन्सान आज भी जंगलों में घूम रहे होते,




हमारी आदतें, सोच, व्यवहार, नजरिया, मानसिकता आदि सभी हमारे वातावरण से प्रभावित होती हैं, बचपन से लेकर अब तक हम किस माहौल में रहे, कैसे परिवार में पले, कैसे हमारे दोस्त है, स्कूल का माहौल कैसा था/है, समाज का नजरिया कैसा है, अर्थात हमारा पूरा वतावरण हम पर हर प्रकार से प्रभाव डालता है, और हम अपने वातावरण के अनुसार ही एक ढर्रे में ढल जाते हैं और उसी की according व्यवहार करते हैं,



  

     कुछ अच्छी और कुछ बुरी आदतें, सोच हमारे अंदर घर कर जाती हैं, अक्सर अधिकतम लोगों के सोच अपने निजी स्वार्थों या ज्यादा से ज्यादा अपने परिवार के हित तक सीमित हो गई है,जिससे वे उसी की according व्यवहार भी करते रहते है.






हमारे अंदर बदलाव करने की शक्तियां अथाह मात्रा में मौजूद हैं, जिसका यदि 1% भी प्रयोग किया जाय तो खुद को पूरी तरह बदलकर एक भिन्न इन्सान बन सकते हैं, हम पूरी तरह से सकारात्मक इन्सान बन सकते हैं, बशर्ते की हम खुद को बदलने के लिए तैयार हों!




    'The Power Of Your Subconscious Mind' के लेखक जोसेफ मर्फी के अनुसार खुद को 2 लोगों में बाँट दीजिये, एक आपका वर्तमान स्वरुप और दूसरा आपका मनचाहा स्वरुप,

     हर इन्सान अपने आप को अपने वर्तमान स्वरूप से बेहतर देखना चाहता है तो अभी से खुद को अपने मनचाहे स्वरूप में ढालने में जुट जाएँ.



     इसे एक कहानी द्वारा समझते हैं.....



 एक युवा अपनी जिन्दगी से बहुत परेशान था, दरअसल उसके जीवन में वही होता आ रहा था जो अब तक हो रहा था यानि हर जगह असफलता और निराशा, वह सोचता की मैं तो अपने आप में बेहतर कोसिस करता हूँ फिर भी मुझे हमेशा असफलता क्यों मिलती हैं, धीरे-धीरे बहुत ही निराश और ह्तोत्सहित रहने लगा, समय बीतता गया लेकिन उसके हर जगह असफलता वाले परिणामों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा,


   अंत में वह एक महात्मा के पास गया और बताया- "गुरूजी मैं जहाँ भी जाऊ, जो भी कार्य करूं मैं हमेशा असफल होता हु, समय बीत रहा है लेकिन मेरे जीवन में कुछ नहीं बदल रहा, आज से 10 साल पहले जिस प्रकार मैं अधिकतम कामों में असफल होता था आज भी होता हु आखिर मेरी किस्मत इतनी बुरी क्यों है"


   महात्मा ने उसे एक छन्नी दी और उसमे पानी भरकर लाने के लिए कहा, वह आश्चर्यचकित था की छन्नी में कैसे पानी भर सकता है, फिर भी वह सामने वाले तालाब में गया और पानी भरने लगा वह कोशिस करता लेकिन जैसे ही वह छन्नी उठता पानी निचे गिर जाता और छन्नी खाली हो जाती, अंत में वह महात्मा के पास गया है, "गुरूजी  ये कैसा मजाक है आप मुझे छन्नी में पानी लाने के लिए कह रहे हैं लेकिन यह असम्भव है, फिर महात्मा ने उसे बाल्टी  दी और उसमे पानी भरने को कहा, थोड़ी ही देर में वह पानी भरके ले आया,

   महात्मा बोले कुछ समझे, वह नासमझी में अपना सिर खुजाने लगा, फिर महात्मा बोले ये छन्नी नकारात्मक विचारों का प्रतीक है जो तुम्हारे अंदर मौजूद हैं चाहे तुम नकारात्मक विचारों के साथ कितनी भी कोशिस कर लो तुम्हारे जीवन में सकारात्मक नहीं हो सकता, अपना बर्तन बदलो यानि सकारात्मक विचारों को अपनाओ, अच्छी सोच विकसित करो, यानि अपने अंदर परिवर्तन करों, फिर देखो तुमारी जिन्दगी कैसे बदलती है,




  लडके को सब समझ आ गया की सफल होने के लिए उसे खुद में बदलाव करने होंगे, अगर हमेशा समान प्रयास किये जाते रहेंगे तो समान परिणाम आयेंगे.


     अपने अन्दर की बुराई, डर, चिंता, नफरत, तनाव, लालच, इर्ष्या, अहंकार आदि नकारात्मक विचार त्यागकर प्रेम, दया, उम्मीद, सृजनात्मकता, ऊर्जा, शक्ति, उत्साह, धैर्य, मेहनत आदि सकारात्मक गुणों को अपना लो, रोज अपने नये स्वरूप को पाने के प्रयास करो एक दिन आप वैसे ही बन जाओगे, 



    'जो इन्सान खुद को समय के साथ नहीं बदलता वह दूसरों की तुलना में पिछड़ जाता है.' 



  आइये खुद को थोडा सा बदलें...


अक्सर हम सोचते है की हमे बहुत अधिक बदलाव की जरूरत है और हम खुद को बहुत ज्यादा बदलने में लग जाते हैं जो की बहुत मुश्किल काम है और हम हारकर उसे बीच में ही छोड़ देते है, इससे अच्छा है की हम थोड़े से सुरुवात करें और धीरे-धीरे करके खुद को पूरा बदल दें,



"आप ही एकमात्र व्यक्ति हैं जो खुद को बदल सकते हैं"


                                                                       जोसेफ मर्फी 


1. अपनी आदतें बदलें- 


    हमारे अंदर बहुत सी ऐसी आदते बन चुकी होती हैं जो कहीं न कहीं हमारे करियर में, हेल्थ में और रिश्तों पर बुरा प्रभाव डालती हैं इन्हे बदलने के बारे में तो सोचते हैं लेकिन बदल नहीं पाते, तो चलिए आज इसकी सुरुआत करते हैं,


 बहुत सारी आदतों को एक साथ बदलने के बजाय किसी एक आदत को चुन लें ( जैसे मुझे हमेशा खुस रहना है या हर काम तुरंत करना है,)

  और उसे ही बदलने पर फोकस करें जब वह आदत पूरी तरह बदल जाय, तो दूसरी आदत को चुने और उसे बदलें, फिर तीसरी और धीरे-धीरे अन्य आदतें बदलें,

एक बार में केवल एक या दो ही आदत को बदलने पर फोकस करें. इससे आपके लिए यह काम आसान हो जायेगा.


      ये भी पढ़ें...तनाव बढने के 4 नये कारण और उनके समाधान




2. अपनी सोच बदलें 


 " हमारा जीवन वो है जो हमारे विचार इसे बनाते हैं"
    
                                                                    Marcus Aurelius

        आदते बदलने के बारे में तो बहुत लोग सोचते हैं लेकिन सोच बदलने के बारे में कम ही लोग सोचते हैं,


  अपनी छोटी, संकीर्ण सोच से बाहर निकलिए एक बड़ी सोच रखिये,

  जिस सोच में आपके रिश्तों के लिए जगह हो, आपकी रूचि/ पसंद के        लिए जगह हो,

  आपकी योग्यता के लिए जगह हो,

खुद के प्रति आत्मविश्वास हो,

करियर और जिंदगी के अन्य फैसले खुद ले,

आप खुस रहने का विकल्प चुने और आप किसी भी प्रकार से दूसरों पर निर्भर न हों,

सोच इतनी बड़ी हो की आपको अपनी खूबियों और कमियां अच्छे से मालूम हों और अपनी खूबियों का इस्तेमाल कब और कैसे करना है आप अच्छे से जानते हों,

अपनी योग्यता और रूचि के हिसाब से खुद के लिए हजारों करियर आप्शन देखने की सोच हो, और उनमे से बेहतर को चुनने की हिम्मत,
तो यकीनन आपकी बड़ी सोच आपको बहुत आगे ले जाएगी. 




3. पहनावे में थोड़ा परिवर्तन करें

आप अपने पहनावे व style में हल्का सा परिवर्तन करके खुद के आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं, आपके पहनावे से आपके व्यक्तित्व पर काफी असर पड़ता है,
अगर आप अपने पहनावे से comfort नहीं हैं तो यह आपके आत्मविश्वास को कम कर देगा, इसके विपरीत अच्छे और comfort पहनावे व स्टाइल से आपका आत्मविश्वास बढ़ जायेगा.


4.नजरिया बदलें  

     
"सफलता के लिए नजरिया उतना ही जरूरी हैं, जितनी काबिलियत"- 
                                                                               
                                                                                      वाल्टर स्काट 

   १. सकारात्मक नजरिया अपनाए,

  २. हर बात पर परेशान होने के बजाये कुछ पलों में हल्की फुल्की कॉमेडी ढूंढे और चीजों का मजा लें,  

  ३.अपने नजरिये में थोडा सा बदलाव करके हम अपनी जिन्दगी को हल्का फुल्का और मजेदार बना सकते हैं,

 ४.अन्य लोगों में अच्छाई ढूंढे और जरूरत पड़ने पर उनकी तारीफ भी करें,

 ५.जरूरतमंद लोगों की मदद करें, इससे आपको अंदर से सच्ची ख़ुशी महसूस होगी,
  

 ६.अपने लिए प्रेरक और उत्साहवर्धक माहौल ढूंढे, प्रेरित करने वाले और सकारात्मक रहने वाले दोस्तों के साथ रहें,

 ७. अपना काम नापसंद करने के बजाय उसमे रूचि लें, काम को बोझ के बजाय एक अवसर समझे और ख़ुशी से करने की कोशिस करें.

८. बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने का हर सम्भव प्रयास करें.



    'नजरिया एक चश्मे की तरह है, जिस प्रकार काले रंग का चश्मा पहनने पर, हमे सब कुछ काला दिखाई देता है और लाल चश्मे से सब लाल दिखाई देता है, इसी प्रकार नकारात्मक नजरिये से हमे हमारे चारों तरफ निराशा, दुःख व असंतोष ही दिखाई देता है और सकारात्मक नजरिये से हमे आशा, खुशियाँ व संतोष ही नजर आएगा. यह हम पर निर्भर करता हैं की हम कौन से रंग का चशमा पहनना पसंद करते हैं.'


जीवन में परिवर्तन के फायदे
     
   1.  रचनात्मकता बढती है,

   2.  आत्मविश्वास बढ़ता है, 

   3.  ऊर्जावान व उत्साही होते हैं, 

   4.  सकारात्मकता बढती है, 

   5.  learning attitude/ सीखने का नजरिया बनेगा,

   6.  comfort Zone से बाहर निकलने में मदद मिलेगी. 



            दोस्तों खुद को हमेशा प्रेरित करने वाले लोगों के बीच रखें, प्रेरक किताबें पढ़े, प्रेरक स्पीच सुने, जिससे आप हमेशा प्रेरित रहेंगे और अपने काम के प्रति उत्सुक और जागरूक रहेंगे.

      "अधिकतम लोग इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि उनको प्रेरक और उत्साहवर्धक माहौल नहीं मिल पाता"

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