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Wednesday, February 14, 2018

खुद को और दूसरों को प्रेरित करना क्यों जरूरी है/ why motivation is so important for any work

"अगर तुमने चमत्कार नहीं देखे तो खुद एक चमत्कार बन जाओ"
                                                                     - Nicholas James


चाहे कोई भी काम हो बिना प्रेरणा के उसे करना काफी मुश्किल होता है, जब हम किसी काम को करने के लिए प्रेरित होते हैं तो वह काम हम पूरे दिल से करते हैं जिससे उसे करने में हमे ख़ुशी का अनुभव तो होता ही है साथ ही वह काम भी अच्छे से पूरा हो जाता है.


       इसके विपरीत यदि किसी काम को हमे करना पड़ रहा है लेकिन हम उसके लिए प्रेरित नहीं हैं तो वह काम काफी उबाऊ हो जाता है जिससे हम उसे करना ही नहीं चाहते और यदि उसे करना जरूरी हो तो बेमन से उसे करते हैं जिससे उस काम में एक तो समय काफी लग जाता है दूसरा वह उतने अच्छे ढंग से पूरा भी नही हो पाता जैसे उसे होना चाहिए.

       

        किसी भी क्षेत्र में जब लोगों को प्रेरित किया जाता है तो लोग उस काम को और अच्छे ढंग से पूरा करने की कोशिस करते हैं, चाहे वह स्कूल में बच्चे हों, कोई कर्मचारी हों, खिलाड़ी हों, चाहे कोई भी हो हर व्यक्ति जब प्रेरित होकर काम करता है तो उसके काम में अलग आकर्षण होता है.



किसी काम को करने की प्रेरणा कहाँ से आती है 

किसीव्यक्ति को किसी काम को करने की प्रेरणा 2 प्रकार से आ सकती
है---  

1. बाह्य प्रेरणा/ External Inspiration (जो बाहर वस्तुओं से या अन्य लोगों से आती है)

2. आंतरिक प्रेरणा/ Internal Inspiration ( आंतरिक प्रेरणा हमारे अंदर से आती हैं)

1.  बाह्य प्रेरणा-  (External Inspiration) 



१.  जब आप किसी अन्य व्यक्ति को देखकर उसके जैसा बनना चाहते हैं, या


२.   किसी motivational speaker को सुनते हैं या कोई motivational किताब या विचार पढ़ते/ सुनते हैं, या


३.   किसी अच्छे काम के लिए आपको कोई इनाम मिलता है तो उस  काम को आप आगे से और अच्छा करने के लिए प्रेरित होते हैं,


४.  जब आपके काम करने पर ही आपको परिणाम मिलना हो, (फेल होंने का डर)


५.  जब किसी व्यक्ति की अन्य लोगों द्वारा प्रसंसा की जाती है,
               बाह्य प्रेरणा बाहर से आती है.




आंतरिक प्रेरणा (Internal Inspiration) 


     १.  आंतरिक प्रेरणा आपके अंदर से आती है, जब आपके अंदर से कुछ  बड़ा करने का जनून हो, या 

     २. जब आप दूसरों के लिए या देश के लिए कुछ बड़ा करना चाहते हों, या

     ३.  जब किसी समस्या का आप पूरे मन से समाधान निकलना चाहते हों,

     ४.  जब आप अपने काम में बहुत आनंद महसूस करते हों और उस काम को करने में आपको बहुत ख़ुशी मिलती हो,


    ऐसे बहुत से प्रेरक कारण है जिसकी वजह से कोई व्यक्ति अपना काम करता है, सच तो यह है की हर काम के लिए प्रेरणा की जरूरत होती है किसी काम को करने की जितनी अधिक प्रेरणा होगी वह काम उतना ही अच्छा होगा, और जितना बड़ा काम होगा उसके लिए उतने ही अधिक प्रेरणा की जरूरत होगी.




     जरा सोचिये आपको कोई काम दिया जाय जिसमे आपकी कोई रूचि नहीं है न ही आपका कोई फायदा, न ही किसी और को ही उसका फायदा है तो क्या आप उस काम को करेंगे, यकीनन नहीं करेंगे.

    

     प्रेरणा क्यों है जरूरी 

  मैंने बच्चों को देखा है जब उनको कोई काम करने के लिए कहो तो वे उस काम में कोई रूचि नहीं दिखाते, लेकिन जब उन्हें प्रोत्साहित करो की तुम बहुत intelligent हो तुम इस काम को बहुत अच्छे ढंग से कर सकते हो, तो वे खुश होकर तुरंत उस काम को कर देते हैं वो भी बिना देरी के चाहे वे उससमय अपना कितना ही पसंदीदा काम क्यों न कर रहे हों,


     किसी को प्रेरित करना उसकी उत्पादकता बढा देता है, सोचिये जब किसी बच्चे को पढाई के लिए प्रेरित किया जाता है, उसकी योग्यता की तारीफ की जाती है, या वो जो भी कर रहा है चाहे वह पढ़ रहा है या खेल रहा है या कोई भी दूसरा काम कर रहा है जब उसे प्रेरित किया जाता है तो वह तुरंत उत्साहित हो जाता है और उस काम को और भी अच्छे से करने लगता है, इसी प्रकार जब boss द्वारा किसी कर्मचारी की तारीफ की जाती है, खिलाडियों को उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए अवार्ड दिए जाते हैं, जब कोई आपके काम की तारीफ करता है, कहीं भी जब किसी को प्रेरित किया जाता है उसके काम पर सकारात्मक असर पड़ता है जिससे वह पहले से बेहतर काम करने लगता है.

   एक बार एक शिक्षक ने अपने 5th क्लास के छात्रों से एक खाली पेज अलग निकलने के लिए कहा, और उस पेज में अपने सभी सहपाठियों का नाम लिखकर उनकी कम से कम एक अच्छी आदत उनके नाम के आगे लिखने के लिए कहा, सभी छात्र अपने काम पर लग गये और कुछ समय बाद प्रत्येक बच्चे ने अपना पेपर शिक्षक को दिया, प्रत्येक पेज पर अन्य सभी छात्रों के नाम और  उनकी कम से कम एक खूबी लिखी हुई थी, शिक्षक ने computer पर प्रत्येक छात्र के नाम का अलग पेज बनाया और उसकी सारी खूबियों को उसमे लिख दिया, जो अन्य सभी बच्चों ने लिखी थी,

      दूसरे दिन सभी को उसके नाम का पेज दिया गया जैसे ही बच्चो के हाथ में उनकी तारीफों का पेज लगा और उन्होंने अपनी खूबियाँ पढ़ी वे उत्साहित हो उठे, कोई कहता मुझे नही पता था कोई मेरे बारे में इतना अच्छा भी सोच सकता है, कोई कहता मै इतना intelligent हु मुझे पता नहीं था, कोई कहता मेरे सहपाठी मेरी अच्छाईयों को भी जानते है, ऐसे ही कई तरह की बातें जो उस classroom में चल रही थी, अगले ही दिन से सभी छात्रों की performance में अत्यधिक सुधार हुआ और आने वाले कई सालो तक अधिकतम बच्चों ने वे नोट्स अपने पास सम्भालकर रखे.

    अत: आपको जहाँ भी किसी को प्रेरित करने का मौका मिले तो उसे न गवाएं, और सबसे जरूरी यदि आप कोई शिक्षक या अभिभावक हैं तो अपने बच्चों को प्रेरित करना कभी न भूलें, और फिर उनके काम में असर देखिये,

 

  
दूसरों की प्रशंसा करें

       इस दुनिया में एसा कौन होगा जो अपनी प्रशंसा से खुश और उत्साहित नहीं होगा, कोई भी इंसान अपनी प्रशंसा सुनकर कभी बोर नहीं हो सकता है, वह हमेशा खुश और प्रोत्साहित महसूस करता है. तो दूसरों की सच्ची प्रशंसा करना कभी न भूलें याद रखें इससे केवल वह इन्सान ही अच्छा महसूस नहीं करेगा बल्कि उसके मन में आपके लिए भी अच्छी भावना पैदा होगी, और वह भी आपकी अच्छाईयां देखना सुरु कर देगा, साथ ही आपमें सकारात्मकता बढ़ेगी.


       अधिकतर लोगों की आदत होती है दूसरों में कमियां ढूंढना और उनकी आलोचना करना, जिन लोगों की लगातार आलोचना की जाती है वे असफलता की तरफ बढने लगते हैं, वे उदास, निराश और हतोत्साहित होने लगते हैं, वे खुद को अक्षम समझने लगते हैं, याद रखें अपने आस-पास लोगों की हर बात पर आलोचना न करें बल्कि उनमे अच्छाईयां ढूंढे और उनकी तारीफ करें उनके अच्छे कामों की तारीफ करें, चाहे आपके आस- पास बच्चे हों, स्टूडेंट हों, आपके सहकर्मी हों, आपके परिवार के लोग हों, आपके दोस्त हों, कोई भी हों, आपको अंदाजा भी नहीं होगा की आपके शब्द उनके मन में किस प्रकार चमत्कारी तरीके से सकारात्मकता भर देते हैं और वे किस प्रकार अपने कार्य में सफलता हासिल करते हैं.


खुद की प्रशंसा करें 

     केवल दूसरों की ही नहीं, बल्कि खुद की प्रसंसा करना भी न भूलें, और कोई आपकी तारीफ करेगा, इसके लिए किसी पर निर्भर न हों क्योंकि हर कोई आपके जैसा समझदार नहीं होता जो ओरों की तारीफ करें, ज्यादातर लोग दूसरों की गलती करने का इंतजार करते हैं ताकि उनकी आलोचना कर सके, खुद को प्रेरित करें अपने काम के लिए, आगे बढने के लिए, आंतरिक रूप से खुद को प्रेरित करें, किसी काम को करने की बड़ी वजह ढूँढें. अपने जीवन की बड़ी वजह ढूंढें, बड़े सपने देखें, कुछ बड़ा करने के बारे में सोचे,बड़ा करने के लिए बड़ी प्रेरणा रखें, आपके पास कुछ करने की जितनी बड़ी वजह होगी आप उतने ही दृढ संकल्प से वह काम कर सकते हैं, किसी बड़े उद्देश्य के साथ अपने पसंद का करियर चुने, आपकी जीत अवश्य होगी.  


       अपनी खूबियों को देखें, खुद के अच्छे कामों की प्रशंसा करें ( किसी और से नहीं, अपने आप से अपनी तारीफ करें) और अपने हर अच्छे काम को पूरा करने पर खुद को कुछ इनाम जरूर दें ( जैसे कुछ पसंदीदा चीज खा ली, या कुछ अपने पसंद का गेम खेल लिया, कोई गाना सुन लिया आदि) इससे आप और अच्छे काम करने के लिए प्रोत्साहित होंगे. प्रशंसा से बोलने और सुनने वाले दोनों की सकारात्मक सोच का विकास होता है.

     " एक बाघ सोया हुआ है, उसे कोई भूख नहीं है तो वो तब तक कोई शिकार नही करेगा जब तक उसे भूख नहीं लगेगी, लेकिन जैसे ही उसे भूख लगेगी वह तुरंत उठेगा और अपने शिकार की तलाश में निकल जायेगा."

      उस बाघ की प्रेरणा उसकी भूख है उसे जितनी अधिक भूख लगेगी वह अपने शिकार के लिए उतनी मेहनत करेगा, इसीलिए अपने जीत/सफलता की भूख को आप जितना बढ़ाएंगे उतनी ही आप मेहनत करने लगेंगे और आपकी जीत उतनी ही निश्चित होगी.


प्रेरित करनें के फायदे 
   
   1.  सकारात्मकता बढती है,

   2.  प्रेरित होने वाले व्यक्ति के कार्यक्षमता बढती है,

   3.  अधिक ख़ुशी फैलती है,

   4. आत्मविश्वास बढ़ता है, 

   5. सफल होने के चांस बढ़ जाते हैं,

   6. व्यक्ति अधिक उत्साहित होकर काम करता है,

   7. आने वाले समय में काम के और बेहतर होने की सम्भावना रहती है,

   8. दूसरों को प्रेरित करने वाले के अंदर leader बनने के गुण पैदा होने लगते हैं.
  

      अत: कभी भी खुद को और दूसरों को प्रेरित करने के मौके न गवाएं और हमेशा खुद भी प्रेरित होकर काम करें और दूसरों को भी प्रेरित करें.
   

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