expr:class='"loading" + data:blog.mobileClass'>

Saturday, December 23, 2017

hindi story/ कहानी,तुलना नही talent पहचानना है जरूरी




        अमन और साहिल दोस्त थे, वे दोनों एक ही कक्षा, 8वीं में पढ़ते थे, साहिल पढने में अच्छा था और उसके मार्क्स अमन से अच्छे आते थे. अमन पढने में सामान्य था और उसके औसत मार्क्स ही आते थे. हालाँकि उसके अंदर अन्य कई talent मौजूद थे जैसे पेंटिंग बनाना, कविताएँ लिखना और खेलों में अच्छा होना आदि. लेकिन आज के समय में सारे लोग केवल मार्क्स के पीछे ही भाग रहे हैं, और अपने बच्चों के अन्य कोई भी  टैलेंट उन्हें दिखाई ही नही देते न ही वे देखना चाहते हैं, आज के समय में अधिकतर माँ बाप की तरह अमन और साहिल  दोनों के माता पिता भी उनकी दूसरे बच्चो से तुलना करके अपने बच्चों की कमियां उन्हें गिनाने में कोई कसर नही छोड़ते थे, अमन के माता पिता उसे हर बार कम मार्क्स आने पर उसकी तुलना साहिल और अन्य बच्चों से करने लगते और उसे कमतर महसूस करवाते.


       धीरे-धीरे अमन के अंदर आत्मविश्वास की कमी आने लगी वह अपने आप को ओरों की तुलना में अयोग्य समझने लगा और अंदर ही अंदर से हतोत्साहित और कुंठित होने लगा. यही हाल साहिल का भी था अच्छे मार्क्स लाने के बावजूद उसके माता पिता उसपर और अच्छा करने का दबाव डालते रहते और हमेशा no. 1 आने की नसीहत देते. बेहतर करने की दौड़ में हमारे देश के बच्चो का बचपन , उनकी इच्छाए और उनका talent कहीं खो सा गया है. और उसकी जगह भर दिया गया है तो सिर्फ तनाव.



     एक दिन अमन अपने वार्षिक परीक्षा की मार्क शीट लेकर पहुंचा उसका लटका हुआ मुंह देखकर उसके माता पिता को यकीन हो गया कि उसके या तो बहुत कम मार्क्स आयें हैं या वह फेल हो गया है, झट से उसकी मार्कशीट छीनकर उसके पिता ने उसके अंक देखे जो लगभग पहले की परीक्षाओं जैसे थे तो उनका पहला सवाल था -
           "साहिल के कितने मार्क्स आये हैं"
 अमन चुपचाप खड़ा रहा 2, 3  बार पूछने पर वह रोने लगा, उसके पिता को यकीन हो गया की जरूर साहिल के बहुत अच्छे मार्क्स होंगे तभी अमन कम मार्क्स लाने की डर से रो रहा है तो वह अमन पर चिलाने लगे,
         "तुम साहिल की तरह क्यों नही पढ़ते, उसकी तरह मार्क्स क्यों नहीं लाते आखिर तुम उसकी तरह क्यों नही बनते",
अमन और रोने लगा और बोला--
        "क्या आप सचमे चाहते हैं कि मुझे साहिल जैसे बनना चाहिए..... साहिल ने आत्महत्या कर ली है उसके मम्मी  पापा उसपर और अच्छे मार्क्स लाने के लिए बहुत दबाव डाल रहे थे जिससे वह कई दिनों से बहुत तनाव में था जिसके कारण वह फेल हो गया और उसने डर के मारे आत्महत्या कर ली"
 इतना कहकर अमन वहां से जाने लगा फिर वह अचानक रुका और अपने मम्मी पापा की तरफ देखकर बोला           "क्या आप वास्तव में चाहते हैं कि मैं साहिल जैसा बनू!"
 और वहां से चला जाता है.


       यह सब सुनकर उसके माता पिता हक्के बक्के रह जाते हैं अब उन्हें अहसास होता है कि वे कितनी बड़ी भूल कर रहे थे बच्चों पर दूसरों जैसा बनने और उनकी तुलना दूसरों के साथ करने से बच्चों पर कितना नकारात्मक असर पड़ता है, हर बच्चे में अपना टैलेंट होता है अपनी अलग विशेषता होती है उसे ओरों जैसा बनने की जरूरत नहीं होती, अगर साहिल के माता पिता ने उस पर अनावश्यक दबाव न डाला होता और उसको समझा होता तो आज साहिल जिन्दा होता. अमन के माता पिता को समय रहते उनकी गलती का अहसास हो गया लेकिन साहिल के माता पिता के लिए बहुत देर हो चुकी थी वह अपना बेटा खो चुके थे.



       दोस्तों हर इन्सान में कोई न कोई टैलेंट अवश्य होता है हर बच्चे में अपनी अलग खूबियाँ होती हैं जरूरी नहीं अगर वह पढाई में बहुत अच्छा नहीं है तो उसमे कोई टैलेंट ही नहीं है बल्कि हमारे सामने ऐसे कई लोग मौजूद हैं जो पढाई में कुछ खास नहीं थे बावजूद उसके उन्होंने बड़ी कामयाबियां हासिल की, जैसे चीन के सबसे अमीर आदमी जैक मा जो स्कूल में कई बार फ़ैल हुए, थॉमस एडिसन, विंस्टन चर्चिल, सचिन तेंदुलकर और भी बहुत से लोग जो पढाई  में बहुत अच्छे नही थे पर उन्होंने अपने टैलेंट को पहचाना और बहुत कामयाब हुए


       आज के समय में हर माता पिता की यह आदत बन गई है की वह अपने बच्चों की दुसरे बच्चों से तुलना करते रहते हैं, और एसी स्थिति में या तो वो अपने बच्चो को दुसरे बच्चों की तुलना में नीचा दिखाते हैं और उन्हें दुसरे बच्चों जैसा बनाने की नसीहत देते हैं या फिर उनके अच्छे performance से उनको दूसरों से तुलना करते हुए अनावश्यक तारीफे करने लगते हैं, दोनों ही स्थितियों का बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और वे भी हर बात में खुद की तुलना करना सीख जाते हैं और उसी में फंसकर रह जाते हैं  अत: हर बच्चे का टैलेंट, इच्छा और उसकी ख़ुशी का ध्यान रखना जरूरी है तभी हर बच्चा अपने सही टैलेंट को पहचान पायेगा और अपनी जिन्दगी का सही मकसद पा सकेगा.





No comments:

Post a Comment