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Tuesday, August 28, 2018

the hidden power in human-3 short inspirational stories in hindi/इन्सान की छुपी हुए शक्तियाँ

                           

एक बार एक motivational Speaker एक स्कूल में छात्रों को speech देने पहुचें, वे छात्रों को इन्सान के अंदर छुपी हुए शक्तियों के बारे में बताने वाले थे,

वे बोले हर व्यक्ति में चाहे वह कोई भी हो, कोई बच्चा हो या बड़ा, अमीर हो या गरीब, शहर में रहता हो या गाँव में, उसमे आंतरिक शक्तियाँ होतीं हैं, आपने कई बार महसूस किया होगा की कोई काम आप नहीं कर पाएंगे लेकिन जब आपको वह काम करना अनिवार्य हो जाये तो आप उसे बहुत ही अच्छे से कर पायें होंगे,

ऐसी ही कुछ कहानियों के माध्यम से मैं आपको समझाना चाहता हूँ की किस प्रकार हमारी छुपी हुई शक्तियां सही समय पर हमारे काम आती हैं,


1.पहली कहानी--

एक छात्र सौरभ जो स्टेज पर जाने से काफी डरता था, किसी स्टेज पर जाकर कुछ बोलना तो उसके लिए असम्भव सा था, वह कभी नहीं सोच सकता था की वह किसी स्टेज पर जाकर कुछ बोल पायेगा, ऐसी कल्पना से ही वह डर जाता था कोई उसे आगे स्टेज पर जाने को न बोल दे इसलिए वह लाइन में पीछे बैठता था,

एक दिन स्कूल में कोई प्रोग्राम चल रहा था, कुछ अध्यापकों व अन्य लोगों ने अपने विचार रखे, अब एक शिक्षक छात्रों के नाम से उन्हें स्टेज पर बुला रहे थे और उन्हें अपने विचार रखने के लिए कह रहे थे, सौरभ इस बात से निश्चिन्त था की उसका नाम नहीं आएगा क्योंकि उसने अपना नाम स्टेज के लिए दिया ही नहीं है,

लेकिन 2 छात्रों के बाद अचानक शिक्षक ने सौरभ का नाम पुकारा, पहले तो उसे लगा की किसी और को बुलाया जा रहा है लेकिन जब उसने देखा सब लोग उसी की तरफ देख रहें हैं, तो वह हडबडा गया, उसे समझ नहीं आया की उसे क्यों बुलाया जा रहा है,

शिक्षक के बार बार उसका नाम बुलाने से उसे उठना पड़ा, और जैसे तैसे करके वह स्टेज पर पहुंच गया, वह डरा हुआ था लेकिन किसी तरह उसने खुद के डर को नियंत्रित किया, और अपने अनुभव के अनुसार बोलने लगा, जैसे ही उसने बोलना सुरु किया सारे लोग उसे ध्यान से सुनने लगे, जब उसने अपनी बात खत्म की तो उसके लिए खूब तालियाँ बजने लगीं, उसे खुद में यकीन नहीं था की वह इतना अच्छा बोल सकता है, शिक्षकों द्वारा उसकी खूब तारीफ की गई, और अन्य छात्र भी उसकी सराहना कर रहे थे,

उसके अंदर वह शक्तियां पहले से मौजूद थीं, की वह स्टेज पर न सिर्फ बोल सकता है बल्कि बहुत अच्छा बोल सकता है, लेकिन उसके डर ने कभी उन शक्तियों को बाहर नहीं आने दिया, लेकिन जब उसके लिए यह करना अनिवार्य हो गया तो उसकी शक्तियां खुल के बाहर आई और वह वो काम कर गया जिसकी किसी ने उम्मीद भी नही की थी.

2. दूसरी कहानी--

राहुल नाम का एक बच्चा काफी डरपोक किस्म का था, हर कोई उसे डरपोक डरपोक कहकर चिढाता था, हर चीज में उसका डर साफ़ दीखता था, कोई उम्मीद नहीं कर सकता था की वह किसी भी तरह के डर का सामना कर सकता है,

एक दिन वह अपनी छोटी बहन के साथ स्कूल जा रहा था, रास्ते में उसकी बहन पर भालू ने हमला कर दिया, भालू उसकी बहन को मार ही डालता, लेकिन राहुल ने बड़ी बहादुरी दिखाते हुए भालू का सामना किया उसने अपनी बहन को पीछे धकेलकर खुद भालू को भगाने लगा उसने एक डंडा उठाया और भालू पर प्रहार कर दिया, उसकी हिम्मत देख भालू पीछे हट गया और वहाँ से भाग गया, जब लोगों ने उसके बारे में सुना तो उसकी खूब तारीफ हुई, बाद में उसे स्कूल से वीरता पुरस्कार दिया गया.

 हिंदी कहानी, खुद की नजरों में विजेता कैसे बने



3. तीसरी कहानी--

एक अन्य वाक्ये के अनुसार एक लड़का कई बार एक 7 फीट की दीवार को पार करने का प्रयास करता था लेकिन कभी भी वह उसे पार नहीं कर पाया, एक दिन वह उस दीवार से कुछ दूरी पर था, की अचानत उसे अहसास हुआ की एक जर्मन सैफर्ड कुत्ता उसकी तरफ गुस्से में तेजी से दौड़ता हुआ आ रहा है, उसके पास कहीं भी भागने की जगह नहीं थी सिवाय उस 7 फीट की दीवार को पार करने के अलावा,

उसके पास ज्यादा सोचने का भी टाइम नहीं था तो उसने बिना ज्यादा समय गवाएं, तेजी से भागना सुरु किया और अपनी पूरी शक्ति से वह दीवार लांघने में कामयाब हुआ, वह कुत्ते से बचके जहाँ काफी खुश था वहीं उस दीवार को लांघकर काफी आश्चर्यचकित.

हमारी छुपी हुई शक्तियां हमारी जरूरत के समय हमारे काम आती हैं यदि हमें इन छुपी हुई शक्तियों का अहसास हो जाये तो हम इनका इस्तेमाल करके खुद के बड़े से बड़े लक्ष्यों को भी हासिल कर सकते हैं,

winner-best motivational/inspirational story in hindi, खुद की नजरों में विजेता कैसे बने



आपने Nick Vujicic का नाम सुना होगा,वो ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं, निक का जन्म बिना हाथ पैरों के हुआ था, बिना हाथ पैरों के किसी इन्सान को कितना संघर्ष झेलना पड़ सकता है, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता,


बचपन से ही निक को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा, स्कूल में सारे बच्चे उसपर हंसते थे, उसकी अपंगता का मजाक उड़ाते थे, कोई उससे दोस्ती नहीं करता था, बचपन से ही निक तनाव में रहने लगे थे, कोई बच्चा अपने हंसने खेलने की उम्र में इतना असहाय था की उसने तनाव में आकर 11 साल की उम्र में आत्महत्या करने की भी कोशिस की,


जैसे जैसे निक बड़े हो रहे थे उन्होंने खुद के जीवन के उद्देश्य के ढूँढना सुरु किया,उन्होंने खुद पर विश्वास करना सुरु किया, उन्हें अहसाह हुआ की उनके जीवन का भी बहुत महत्व है, उन्होंने अपनी आंतरिक शक्तियों को पहचाना और खुद को बेहतर बनाने में उसका इस्तेमाल किया.

निक आज दुनिया के सबसे बेहतर motivational स्पीकर में से एक हैं, वे बहुत ही अच्छे स्वीमर और लेखक हैं, वे कई स्पोर्ट्स भी खेलते हैं,

आज निक लोगों को motivate करते हैं, उन्हें जिन्दगी में आगे बढने के लिए प्रेरित करते हैं, वो कहते हैं उम्मीद खोना, हाथ पांव खोने से ज्यादा बुरा है,

अब वो शादीशुदा हैं और उनके 2 बच्चे भीं हैं, वे अपनी जिन्दगी से खुश और संतुष्ट है,



कोई भी समस्या इतनी बड़ी नहीं हो सकती जो आपको आगे बढने से रोक सके, आपके अंदर उन सब समस्याओं से मुकाबला करने और उन्हें हराने के लिए पर्याप्त शक्तियाँ मौजूद हैं,

ब्रह्मांड की समस्त शक्तियां आपके अंदर मौजूद हैं, यदि आप उनका थोडा भी इस्तेमाल करें तो आप दुनिया के सबसे सफल इन्सान बन सकते हैं,अत: अपनी शक्तियों को पहचाने और उनका उपयोग करें अपने जीवन का सही उद्देश्य पाने में.


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Sunday, August 19, 2018

essay on benefits of reading Books in our Life in hindi/किताबें पढने के फायदे

                                     

अच्छी किताबें हमारे जीवन में बहुत महत्व रखती हैं, किताबें ज्ञान का भंडार होती हैं, यह हमारे एक अच्छे मित्र की तरह होती हैं जो हमसे न तो कोई शिकायत करती हैं और न ही कोई मांग करती हैं,

अच्छी किताबें हमें सही दिशा दिखाने में मदद करतीं हैं, एक गुरु की तरह हमारे ज्ञान को विस्तृत करती हैं, एक ट्रेनर की तरह हमे कुछ नया सिखाती हैं और एक मार्गदर्शक की तरह हमें सही गलत में अंतर सिखातीं है,

जिस प्रकार शरीर के लिए शारीरिक व्यायाम (Physical Exercise) की जरूरत होती है उसी प्रकार दिमाग के लिए मानसिक व्यायाम (Mental Exercise) की जरूरत पडती है, किताबें पढने से सबसे अच्छी Mental Exercise होती है, क्योंकि जब हम कुछ पढ़ते हैं तो हमारे दिमाग का हर हिस्सा कुछ न कुछ काम करता है, यानि की हर हिस्सा Activate हो जाता है, जबकि यदि हम कुछ सुने, या देखें तो कुछ ही हिस्से Activate हो पाते  हैं सारे नहीं, अत: पढना सबसे अच्छी mental एक्सरसाइज मानी जाती है,


किताबों का हमारे जीवन में महत्व 

1. अच्छी किताबें हमें सकारात्मक विचारों से भर देती हैं - 

किताबें पढने की आदत एक बेहतरीन आदतों में से एक है, किताबें पढने से हमारे अंदर की नकारात्मकता खत्म होती है सकारात्मकता बढती है, जब हम अच्छी किताबें पढ़ते हैं तो जाहिर है हम कुछ न कुछ अच्छा सीखते हैं और खुद के जीवन में एक नया बदलाव होते देखते हैं, यही नया बदलाव सकारात्मकता बढाता है, और हमें जीवन को नये नजरिये से देखने के लिए प्रेरित करता है,


2. किताबें हमारी रचनात्मकता/Creativity को बढातीं हैं-

किताबें Creativity बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, अलग अलग तरह की किताबें पढने से हमें अलग अलग चीजों के बारे में ज्ञान होता है, साथ ही अलग अलग लोगों के बिचारों को समझने में मदद मिलती है, जो हमारी रचनात्मकता का विस्तार करती है,

अलग अलग प्रकार की किताबें पढने से विभिन्न प्रकार के Ideas दिमाग में आते हैं, जो हमारी रचनात्मकता को बढ़ाने में मदद करते हैं,

3. हमारी सोचने की क्षमता का विस्तार करतीं हैं,

कहते हैं जो इन्सान किताबें नहीं पढ़ता वह केवल एक ही जीवन जीता है, जबकि किताबें पढने वाला व्यक्ति एक ही जीवन में हजारों जीवन जी लेता है, क्योंकि जितना ज्यादा हम किताबें पढ़ेंगे, उतने ज्यादा लोगों के विचारों से परिचित हो पाएंगे, या यूँ कहें दुसरे लोगों के जीवन को हम करीब से देख पाएंगे और उतना ही हमारा ज्ञान बढ़ेगा, समझ बढ़ेगी और उतना ही हमारी सोच का दायरा बढ़ेगा,


4. यह खाली दिमाग को खुले दिमाग में बदल देती हैं,

अधिकतर सफल लोग अपना कुछ समय अच्छी किताबें पढने में लगाते हैं, क्योंकि वे जिस मुकाम तक पहुचें होते हैं उसमे किताबों का महत्वपूर्ण योगदान होता है, अत: लगातार ज्ञान हासिल कर वे नई चीजें सीखते रहते हैं और आगे बढ़ते रहते हैं,

किताबें इन्सान की समझ का विकास करतीं हैं, जो इसे संकीर्ण सोच से उपर उठाकर उसके दिमाग को खोलती है, अच्छी किताबें पढने वाला इन्सान छोटी व तुच्छ बातों, झगड़ों, नफरत, गुस्से आदि से ऊपर उठ जाता है और उसका दिमाग कुछ बडा करने, मदद करने, दूसरों को समझने, खुश रहने में उसकी मदद करता है, यानि की पूरी तरह से एक खुला दिमाग वाला इन्सान बन जाता है.


कहते हैं अपनी गलतियों से सीखने में तुम्हारी उम्र छोटी पड़ जाएगी, और जब तक आप खुद से सीखते हुए सफल होते हैं तब तक आपकी उम्र निकल जाएगी, तो क्यों न दूसरों की गलतियों से सीखते हुए जल्दी सफल हुआ जाये,

इसका सबसे अच्छा तरीका है अधिक से अधिक किताबें पढों क्योंकि किताबों से हमें दूसरों की सफलता असफलता, गलतियों, सीख आदि सब कुछ जानने का मौका मिलता है जिससे हम उनसे सीख लेकर खुद उन गलतियों से बच सकते हैं और जल्दी सफल हो सकते हैं,

साथ ही किताबों से बहुत कुछ सीख कर सफलता हासिल की जा सकती है, वे लोग जो लगातार अच्छी किताबें पढ़ते हैं उनके सफल होने के chances ओरों के मुकाबले काफी अधिक होते हैं.


6. ज्ञान का विस्तार करती हैं,

7. आपको अधिक उत्साही बनाती है,

8. अवसरों के नये दरवाजे खोलती है,

9. किताबें आपको अधिक आत्मविश्वासी और साहसी बनाती हैं,

10. आपकी Imagination/कल्पनाशक्ति का विस्तार करती हैं,

11. किताबें तनाव कम करने या खत्म करने में मदद करती हैं और happiness बढाती है- 

12. किताबें पढने से स्मरण शक्ति (Memory Power) बढती है,

13. किताबे पढने की आदत इन्सान को अधिक समझदार बनाती है,

14. किताबें पढने से निर्णय लेने (Decision Making) की क्षमता बढती है,

15. किताबें आपको आगे बढने के लिए प्रेरित करतीं हैं,

16. आपकी समझ का विकास करतीं हैं,

17. किताबें पढने से Focus और Concentration बढ़ता है,

18. लगातार किताबें पढने वाला व्यक्ति अधिक Intelligent बनता जाता है,

19. पढने से आपकी भाषा में सुधार होता है और आपकी vocabulary बेहतर होती है,


किताबों का महत्व किसी छोटे दायरे में सीमित न होकर बहुत विस्तृत है, लगातार अच्छी किताबें पढने की आदत आपको एक सफल इन्सान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जब भी हम सफल लोगों से सम्बन्धित किताबें पढ़ते हैं तो अवश्य ही उनके जैसे बनना चाहते हैं उनकी आदते अपनाते हैं, उनसे सीखने का प्रयास करते हैं, और उन्हीं जैसे बनने लग जाते हैं, अत: हमेशा अच्छी किताबों का ही अध्ययन करना चाहिए, शोध के अनुसार किताबें पढने से कई सारी बिमारियों का खतरा भी कम हो जाता है,

अधिकतर सफल लोग अपने हर दिन के कुछ घंटे अच्छी किताबें पढने में लगाते हैं, बिल गेट्स हर हप्ते 1 किताब अवश्य पढ़ते हैं, 70% millionares हर महीने 2 किताबें पढ़ते हैं,

अत: पढने का महत्व बहुत विस्तृत है, जो हमे शारीरिक, मानसिक और आध्यातमिक रूप से अधिक स्वस्थ बनाने में मदद करता है, परन्तु आप किस उद्देश्य से किताबें पढना चाहते हैं उसी के According किताबें चुने.


Wednesday, August 15, 2018

The Festival of Raksha Bandhan 2018 in hindi/ रक्षाबंधन का त्यौहार 2018

     26 अगस्त 2018

जब भी बात रक्षाबंधन की आती है तो सबसे पहले भाई बहन के एक दुसरे के प्रति सच्चे प्यार, समर्पण, अटूट विश्वास और जिम्मेदारी का ही ख्याल आता है, रक्षाबंधन एक ऐसा पवित्र त्यौहार है, जो भाई-बहन के रिश्ते को और ज्यादा मजबूत करता है,

भारत में मनाये जाने वाले त्योहारों में रक्षाबंधन एक प्रमुख त्योहार है, जो भारतीय महीनों के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, हालाँकि रक्षाबंधन मुख्यत: हिन्दुओं का त्यौहार माना जाता है किन्तु इसे जैन और सिख लोग भी उतनी ही धूम धाम से मनाते हैं, 

भारत की अनेकता में एकता की सदियों पुरानी संस्कृति रक्षाबंधन में भी देखने को मिलती है, इसे हिन्दुओं का त्यौहार भले ही माना जाता हो किन्तु यहाँ अब मुस्लिम, इसाई व अन्य समुदाय के लोग भी रक्षाबंधन मनाये लगे  हैं, 

रक्षाबंधन जो रक्षा और बंधन दो शब्दों से बना है, यानि की भाई और बहन के बीच एक ऐसा मजबूत रिश्ता (बंधन) जिसमे भाई अपनी बहन की हर प्रकार से सुरक्षा का बचन लेता है, 




रक्षाबंधन से सम्बन्धित कहानियाँ 

हुमायूँ और कर्णावती 

रक्षाबंधन से सम्बन्धित कई कहानियाँ भी प्रचलित हैं उनमे से एक रानी कर्णावती और हुमायूँ की कहानी प्रमुख है,  जब रानी कर्णावती के राज्य चितौड़ पर आक्रमण होता है, और उनके राज्य पर खतरा मंडराने लगता है, तो रानी मदद के लिए हुमायूँ को एक पत्र और राखी भेजती है, 

हुमायूँ को जैसे ही पत्र व राखी मिली वे तुरंत ही चितौर व महारानी की मदद के लिए निकल पड़े, किन्तु दुर्भाग्यवश जब तक वे चितौड़ किले तक पहुचे महारानी आत्मसम्मान में आत्मदाह कर चुकी थीं,


कृष्ण और द्रोपदी 

एक अन्य कहानी के अनुसार एक बार भगवान कृष्ण का हाथ पतंग से कट गया जिससे खून बहने लगा, यह देख द्रोपदी ने अपनी साडी का किनार फाड़कर कृष्ण के हाथ में बांध दिया, तब से कृष्ण ने द्रोपदी को बहन मानकर उनकी रक्षा का बचन लिया.




कैसे मनाया जाता है रक्षाबंधन 


इस दिन बहन अपने भाई को एक पवित्र धागा बांधती है, यही पवित्र धागा, जिसे राखी कहते हैं, भाई-बहन के बीच मजबूत रिश्ते की डोर है, इस दिन सभी भाई बहन साफ व नये कपड़े पहनते हैं, फिर पूजा की थाली सजाई जाती है, जिसमें राखी, दिया, धूप, मिठाई, पकोड़ी आदि चीजें मौजूद होती हैं, बहन पहले भाई को तिलक लगाती है, उसकी आरती उतारती है, फिर दोनों एक दुसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करतें हैं, फिर बहन भाई को राखी पहनाती है और भाई अपनी बहन को गिफ्ट, पैसे व अन्य चीजे देता है,

जब बहन और भाई एक दूसरे से दूर होते हैं तो बहन भाई के लिए राखी भेजती है, भाई भी बहन के लिए उपहार भेजता है,

भाई -बहन के रिश्ते को शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता. यह रिश्ता समर्पण, प्रेम, त्याग और विश्वास का प्रतीक है, 



रक्षाबंधन का विस्तृत महत्व 

हालाँकि रक्षाबंधन को भाई- बहन का ही त्यौहार माना जाता है लेकिन इसका महत्व इससे भी विस्तृत है, पुराने समय में ब्राह्मणों द्वारा राजाओं को राखी का धागा बाँधा जाता था, जिसके बदले में राजाओं द्वारा ब्राह्मणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती थी, आज भी ब्राह्मण अपने यजमान के घर जाकर उन्हें राखी पहनाते हैं, और यजमानों द्वारा उन्हें उपहार दिए जाते हैं,

एक कहानी के अनुसार इंद्र को उनकी पत्नी ने राखी पहनाई थी, ताकि राक्षसों से उनकी रक्षा हो सके,

आज रक्षाबंधन का सम्बन्ध केवल हिन्दू या सिख धर्म तक सीमित नहीं है बल्कि अब बौद्ध, जैन, ईसाई, मुस्लिम आदि धर्मों के बहुत से लोग रक्षाबंधन का पर्व बड़ी धूम धाम से मनाते हैं,

राखी गुरुओं, सम्मानित व्यक्तियों (जैसे भारत के प्रधानमन्त्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, सेना के जवानों आदि) को भी बच्चों द्वारा राखी पहनाई जताई है.

रक्षाबंधन का विस्तृत महत्व यह है की अब कई लोग पर्यावरण की रक्षा के लिये पेड़ों को भी राखी बांधने लगे हैं, यह पर्यावरण के प्रति उनके सम्मान और पर्यावरण संरक्षण की भावना को दर्शाता है.




क्या सिखाता है रक्षाबंधन 

हर चीज से हमे कुछ न कुछ सीखने को मिलता है, चाहे वह त्यौहार ही क्यों न हो, रक्षाबंधन से भी हम बहुत कुछ सीख सकते हैं, आएये जानते हैं की इस खूबसूरत त्यौहार से हम क्या-क्या सीख सकते हैं-

1. एक दुसरे के प्रति समर्पण की भावना,

2. एक दुसरे से प्रेम और त्याग की भावना,

3. खुस रहना और खुशियाँ बाँटना,

4. रिश्तों का महत्व खासकर भाई और बहन का पवित्र रिश्ता.

5. पर्यावरण के प्रति लोगों की जागरूकता- लोग पेड़ों को भी राखी बांधते हैं,

6. भाई बहनों में एकता- इस दिन सभी भाई बहन एक ही जगह पर एकत्रित हो जाते हैं,

7. समाज में एकता- अब अलग अलग धर्मो के लोग एक दुसरे को राखी बांधने लगे है,


उपसंहार 

भारत में मनाया जाने वाला हर त्यौहार लोगों को खुशियों और उमंग से भर देता है, इन त्योहारों में बच्चे सबसे ज्यादा Enjoy करते हैं, रक्षाबंधन में भी बच्चे खूब मजे करते हैं वहीं बड़े भाई बहन जो एक दुसरे से दूर रहते हैं उन्हें कई बार साल में एक बार ही मिलने का मौका मिलता है, यही वह सुभ अवसर होता है जब वे अपने भाई बहनों से काफी समय बाद मिल सकते हैं,

इस प्रकार समर्पण और विश्वास का प्रतीक यह त्यौहार लोगों को एकता के सूत्र में बांधने का काम करता है और बच्चों व बड़ों को खुशियों से भर देता है.

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Friday, August 10, 2018

Independence day India in hindi/ Are we really Independent in hindi

                                                                                     

सबसे पहले आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की सुभकामनाये,

हमारे देश को आजाद हुए 70 साल से ज्यादा हो चुके हैं, बाहरी ताकतों से तो देश आजाद हो गया है, लेकिन क्या हम फिर भी स्वतंत्र हैं? 1947 से पूर्व की गुलामी से तो हम मुक्त हो गये हैं लेकिन क्या हम फिर भी स्वतंत्र है?

हम सब जानते हैं किस तरह देश के वीरों ने हमे आजादी दिलाई, खुद के जीवन को कुर्बान करके देश को बाहरी ताकतों से मुक्त करा गये, उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया और बहुत अच्छे से निभाया,

उनके पास भी विकल्प था वे भी गुलामी स्वीकार कर खुद की जिन्दगी बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने गुलामी स्वीकार नहीं की, क्योंकि उन्होंने देश के लिए कुछ और ही कल्पना की थी, एक आजाद भारत की, एक खुशहाल भारत की, एक विकसित भारत की, एक अखंड भारत की, एक अमीर भारत की, एक शक्तिशाली भारत, एक महान भारत की.

वे जानते थे यदि देश विदेशी जंजीरों से मुक्त हो गया तो हम भारतीय अपने देश को समृद्ध कर सकते हैं, क्योंकि विदेशी ताकतें हमारे देश को खोखला कर अपनी  तिजोरियां भर रही थी, जो की हमारे देश के विकास में बाधक था, अत: देश के हित के लिए विदेशियों की जकड़ से मुक्ति जरूरी थी, अत: हमारे वीरों ने अपने आप को, अपनी जिन्दगी, अपनी खुशियों को कुर्बान कर दिया और अंत में देश को आजाद करा गये.

लेकिन फिर सवाल वही है क्या हम आजाद हैं? या हम आज भी गुलाम हैं!


हाँ हम किसी विदेशी ताकत के गुलाम तो नहीं हैं, लेकिन कुछ और हैं जो हमे आज भी जकड़े हुए है, कुछ और हैं जिसके हम आज भी गुलाम हैं, कुछ और है जिससे हमे आजादी चाहिए!

और वो है हमारी संकुचित मानसिकता! क्या हम मानसिक तौर पर अदृश्य जंजीरों से जकड़े हुए नहीं है?

चलिए खुद को परखते हैं की हम कितने आजाद है, और कौन से बाधायें हैं जो हमारे देश के विकास में अड़चने पैदा कर रहीं है,



1.जातिवादी मानसिकता -

क्या आज भी देश में जातिगत भेदभाव नहीं है? क्यों आज भी लोग जाति के आधार पर संघठन बनाते हैं? क्यों आज भी किसी भी जाति के लोगों द्वारा दूसरी जाती के लोगों को नीचा दिखाया जाता है? क्यों लोग किसी को खुद की जाति का मान लेने पर गलत का भी साथ देते हैं? क्यों लोग दूसरी जाति वाले सही इन्सान का भी साथ नहीं देते? क्यों जाति के नाम पर सडकों पर उतरते हैं और सरकारी सम्पति को नुक्सान पहुचाते हैं?

क्यों देश से बढकर एक जाति हो जाती है? क्यों आज भी देश में मानसिक तौर पर समानता नहीं है? क्यों आज भी राजनीतिक पार्टियाँ जाति के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकने में कामयाब हैं? और क्यों आज भी लोग जाति के आधार पर वोट कर रहे हैं?

क्यों? क्यों? क्यों?........

इन सारे क्यों का मेरे पास कोई जवाब नहीं है, लेकिन इतना यकीन है की यदि हमारा देश इस मानसिकता से मुक्त हो गया तो देश में एक बहुत बड़ी क्रांति आ जाएगी, देश में एकता और परिवर्तन की लहर दौड़ जाएगी, यकीनन हम विकास की राह पर तेजी से दौड़ने लगेंगे,

यदि सभी लोग हमेशा से संगठित होते तो कोई भी विदेशी कभी भी हमारे देश पर राज नहीं कर पाता, कोई आक्रमण करने की भी हिम्मत नहीं कर पाता और जीतने में सफल होना तो बहुत दूर, यदि आज भी हम संगठित न हुए तो इसका फायदा भी दूसरे देश उठाएंगे या उठा रहे हैं,

चलिए एक जंजीर (जातिवादी मानसिकता) से बाहर निकलकर खुद को थोडा और आजाद करते हैं.



2.धार्मिक नफरत -

कहीं हम धार्मिक नफरत के शिकार तो नहीं हैं? अगर कोई आपसे धार्मिक वजह से नफरत करे तो कोई बात नहीं लेकिन कहीं आप तो किसी से धार्मिक वजह से नफरत नहीं करते?

अगर ऐसा है तो सजग हो जाये, आप उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते जिससे आप नफरत करते हैं लेकिन आप खुद को कितना नुकसान पहुचा रहे हैं उसका आपको शायद अंदाजा नहीं है, जिस वक्त आप किसी से नफरत करते हैं उस समय आपकी मानसिक स्थिति कैसी होती है?, जरा महसूस करें, आपके अंदर कितनी नकारात्मकता होती है? आप कितने नाखुस होते हैं? आपके अंदर कितनी असंतुष्टि होती है? और ये सब आपकी आंतरिक शांति या मन की शांति को किस तरह नष्ट कर देते हैं जरा गौर करें,

नफरत चाहे धार्मिक हो या कैसी भी हो वो नफरत करने वाले के मन को बीमार कर देती है और उसको एक अनजाने दुःख में धकेल देती है ऐसा दुःख जो वह खुद के लिए खुद चुनता है.

धार्मिक नफरत केवल किसी व्यक्ति के लिए ही घातक नहीं है बल्कि देश की एकता में भी बाधक है, जो लोग धार्मिक नफरत फैलाते हैं वो देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं, जब लोग धार्मिक तौर पर लड़ते रहते हैं तो देश की तरक्की धीमी हो जाती है, और जब देश में हर तरह से एकता होती है तो देश के लोग मिलकर देश का विकास करते हैं, आप क्या चाहते हैं देश की तरक्की में रोड़ा बनना या देश के विकास में योगदान करना?

यकीनन आप देश के विकास में योगदान करना चाहेंगे तो तुरंत ही अपने आप को इस दूसरी गुलामी की जंजीर से मुक्त कर दीजिये.



3.सीमित सोच -

किसी भी देश के विकास में उसके युवाओं का बहुत बड़ा योगदान होता है और फिर भारत के लिए तो यह एक बहुत बड़ी opportunity है क्योंकि देश की एक बहुत ही बड़ी आवादी युवा है, यदि सारे युवा देश हित में मिलकर काम करें तो देश को तरक्की की किन ऊंचाइयों पर पहुचा सकते हैं इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन फिर एक और बाधा, एक और जंजीर आड़े आती है और वह है - सीमित सोच!

विकसित देशों में जहाँ बच्चे बहुत छोटी उम्र से नई-नई चीजें सीखने लगते हैं, नये experiment करना, नये business करना, खुद से कमाना आदि, जबकि हमारे देश में युवा एक बड़ी उम्र तक अधिकतर चीजों के लिए अपने माता-पिता पर निर्भर करते  है, कोई भी नया काम करने से हिचकते हैं, किसी भी failure से डरते हैं, कोई गलती न कर दें इसलिए कोई काम करने से बचते हैं, जो काम सब कर रहे होते है वही करने लगते हैं, अधिकतर युवा या बच्चे रिस्क लेने से डरते हैं और एक comfort zone में अपने आप को महफूज रखते हैं और फिर उससे बाहर नहीं निकलना चाहते,

यहाँ लोगों पर सफलता की इच्छा से ज्यादा लोग क्या कहेंगे वाली मानसिकता हावी रहती है, जो तरक्की में सबसे बड़ी बाधा है, न सिर्फ एक व्यक्ति की तरक्की में बल्कि पूरे देश के विकास में बाधक है.

यकीनन देश के विकास के लिए जरूरी है की देश का हर युवा अपनी सोच का विस्तार करें, सीमित सोच के दायरे से बाहर निकले, अपने comfort Zone से बाहर निकले और नये रिस्क ले, नये कामों में हाथ अजमाए, किसी भी तरह के डर से बाहर निकले और अपनी योग्यता के दम पर नई ऊंचाइयों को छुए,

              Read...5 step to be successful in hindi/ सफलता पाने के स्टेप


4. राजनीतिक हस्तकक्षेप -

आजकल बहुत से लोगों की जिन्दगी में राजनीतिक हस्तकक्षेप कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है, अधिकतर लोग खुद को एक राजनीतिक पार्टी से जुडा हुआ मान लेते हैं और फिर राजनीतिक बहस का कोई अंत ही नहीं होता, लोग किसी पार्टी के समर्थन में खुद के भाई, दोस्तों, परिवार आदि से लड़ रहे होते हैं. सोशल मीडिया पर तो यह बहस हर समय चलती रहती है,

अफ़सोस तो तब होता है जब लोग जिस पार्टी के समर्थक होते हैं उसके गलत करने पर भी उसका समर्थन करते हैं और दूसरी पार्टी के सही करने पर भी उसका विरोध करते हैं,

हमें लोकतंत्र का सही मतलब समझना होगा, जब हर सही निर्णय का समर्थन होगा और हर गलत निर्णय का बिरोध, चाहे वह निर्णय कोई भी पार्टी ले, तभी सही मायने में देश सही दिशा में सही गति से आगे बढ़ पायेगा, वरना राजनीतिक पार्टियाँ लोगों को आपस में लड़ाकर अपना फायदा देखती रहेंगी.

लोकतंत्र में हमे किसी पार्टी का हिस्सा बनने की जरूरत नहीं आप किसी पार्टी के नहीं देश हित के समर्थक हैं, जो देश हित करेगा हमें उसी के साथ खड़े होना है, और उतनी ही देर तक उनके साथ रहना है जब तक वो देश हित करते रहेंगे.

तो चलिए इस एक और गुलामी की जंजीर से भी खुद को आजाद करते हैं और देश के सच्चे हितैषी बनकर सही का साथ देते हैं,



इन सबके आलावा भ्रष्टाचार, अपराध, आतंकवाद, क्षेत्रवाद, गरीबी, बेरोजगारी, भूखमरी, बढती जनसंख्या, जरूरी संसाधनों(पानी, बिजली, हॉस्पिटल, यातायात के साधन आदि) की कमी, चारों तरफ फैली गंदगी और भी बहुत सी जंजीरे जिनसे अभी देश को आजादी दिलानी है,




हम अपनी भावी पीढ़ी के लिए क्या छोडके जाये-

हमें खुद सोचने की जरूरत है, यदि हमारे पूर्वजों ने भी हमे अंग्रेजो से आजाद नहीं कराया होता तो हम किस तरह गुलामी में जी रहे होते, उन्होंने हमे आजाद भारत दिया जिसमे हम खुद के निर्णय लेने, कहीं भी घूमने, अपनी सरकार चुनने, अपनी बात रखने आदि बहुत सी चीजों के लिए स्वतंत्र हैं,

अब हमारा कर्तव्य है की अपनी भावी पीढ़ी के लिए हम भी कुछ करके जाएँ, हमें सोचना है हम आने वाले नये भारत के लिए क्या छोडके जाने वाले हैं, वही गरीबी, नफरत, भ्रष्टाचार, गंदगी, हिंसा या फिर एक खुशहाल भारत, सम्पन्नता, सहयोग, एकता, समृद्धि और विकसित भारत.



थोडा सा मानसिकता में बदलाव की जरूरत है-


यदि हर व्यक्ति अपनी मानसिकता में थोडा सा बदलाव करदे, थोडा सा हम ज्यादा सकारात्मक हो जाये तो देश में अपराध, नफरत, गरीबी, हिंसा और हर तरह की नकारात्मकता धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी, थोडा सा राजनेता बदल जाएँ, थोडा सा मीडिया, थोडा सा जनता, थोडा सा सरकार, थोडा सा कर्मचारी, थोडा सा स्टूडेंट, थोडा सा युवा, शिक्षा व्यवस्था बदल जाये, तो देश में क्रांति आ जाएगी और देश एक नये युग खुशहाली की तरफ बढ़ जायेगा.



चलो एक खुशहाल भारत बनाते हैं,

चलो एक सपनों का भारत बनाते हैं, एक ऐसा भारत जहाँ सब मिलझुल कर रहते  हों, कोई धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्र, सम्प्रदाय आदि किसी भी आधार पर कोई किसी से नफरत न करे,

जहाँ कोई गरीबी न हो, जहाँ कोई भिकारी न हो, जहाँ कोई भ्रष्टाचार न हो, कोई ट्राफिक जाम न हो, चौड़ी- चौड़ी सडकें हों, हर तरफ साफ सफाई हो, लोग योग्यता के आधार पर अपने नेता चुने न की जाति या धर्म के आधार पर,

लोग दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार हो, हॉस्पिटल आदि मूलभूत सुविधाओं की कोई कमी देश में न हो, शिक्षा व्यवस्था उच्च कोटि की हो, जहाँ बच्चों को व्यवहारिक और practical ज्ञान ज्यादा दिया जाता हो, बेरोजगारी न हो,

हर युवा अपनी योग्यता को पहचाने और उसी के आधार पर अपना करियर चुने,  पूरे उत्साह से आगे बढ़े और सफल हो,



यदि हम एक खूबसूरत भारत चाहते हैं तो हमें बदलाव की सुरुवात खुद से करनी होगी, खुद को हर दिन थोडा सा बदले तो धीरे धीरे पूरा देश बदल जायेगा,

हम दूसरों को force नहीं कर सकते की वे बदलें लेकिन सबसे आसान काम जो हम कर सकते हैं वो है खुद को बदलने का. चलो थोडा सा ज्यादा खुश हो जाएँ, थोडा और दयालु हो जाये, थोडा और सकारात्मक हो जाये, थोडा और साहसी, थोडा और आत्मविश्वासी, थोडा और मदद करने वाले,

थोडा और सफाई रखने वाले, थोडा और एकता से रहने वाले, थोडा और स्वस्थ, अपने काम में थोडा और समर्पित, थोडा और समझदार, थोडा सोशल मीडिया, टीवी, मोबाइल आदि पर कम समय बर्बाद करें,

यही थोडा सा बदलाव देश में बड़े बदलाव को ले आएगा और देश एक नई दिशा में तरक्की के तरफ अग्रसर होगा.



Conclusion

दोस्तों हम कब तक सुंदर पिचाई, लक्ष्मी मित्तल, सत्या नाडेला, इंद्रा नुई, आदि नामों से खुस होते रहेंगे, जो भारतीय मूल के तो हैं लेकिन विदेशो में सही माहौल मिलने के कारण सफल हुए हैं,

मैं उस भारत की कल्पना करती हूँ जब हमारे ही देश में भी योग्यता की कद्र की जाएगी, जब सुंदर पिचाई जैसे लोग भारत में ही अपनी सेवाएं देना पसंद करेंगे, सिर्फ भारतीय ही नही, विदेशी भी हमारे देश में आकर अपनी योग्यता पहचानेंगे, जैसे विभिन्न देशों के talented लोग यूरोप, अमेरिका आदि देशों में जाकर खुद को साबित करते हैं, जब विदेशों के talented student भारत में आकर पढ़ने के लिए उत्साहित होंगे, जैसे वे विकसित देशों में जाने के लिए उत्साहित होते हैं,

जब चारों तरफ शांति होगी, खुशहाली होगी, सम्पन्नता होगी, development होगा, स्वच्छता होगी और हर मूलभूत सुविधा होगी,

लोग छोटी सोच, जातिवादी मानसिकता, धार्मिक झगड़े, सम्प्रदाय आदि छोटी और तुच्छ चीजों में अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहेगे, बल्कि हर तरह से खुद को बेहतर करने में और देश के विकास में सहयोग करने के लिए तत्पर रहेंगे,

फिर हमारे देश में सिर्फ सम्पन्नता, खुशहाली, समृद्धि, विकास होगा, और हम विकास में यूरोपीय देशों से आगे निकल जाएंगे, और हर सही मायनों में विश्व गुरु बन जायेंगे. मैं तो ऐसे भारत की कल्पना करती हूँ, आप अपने देश को कैसा देखना चाहते हैं comment में जरूर बताएं,


जरूर पढ़ें...

Friday, August 3, 2018

how I use Affirmation for positive mindset in hindi/Affirmation in hindi

                                  क्या हैं आत्म सुझाव



Affirmation वो powerful Positive वाक्य होते हैं जो हमारी सोच पर सकारात्मक प्रभाव डालकर हमारे मस्तिष्क का नवीकरण करते हैं,

दरअसल Affirmation खुद की मानसिकता में परिवर्तन करने का एक तरीका है, जिससे खुद को ज्यादा Positive, Energetic और उत्सुक बनाया जा सके और खुद की नकारात्मक आत्म छवि (Self Image) को सकारात्मक बनाया जा सके.



क्या हैं आत्म छवि

आत्म छवि हमारा खुद को देखने का नजरिया है, कि हम खुद को किस रूप में देखते हैं, यदि हम खुद को आत्मविश्वासी, समझदार, talented, उत्सुक और भविष्य के प्रति आशावादी आदि के रूप में देखते हैं तो हमारी आत्म छवि सकारात्मक है, लेकिन यदि हम खुद को निराश, डरा हुआ, आत्मविश्वास की कमी, भविष्य के प्रति निराशावादी आदि के रूप में देखते हैं तो हमारी आत्म छवि नकारात्मक है,



कैसे बनती है आत्म छवि 

बचपन से ही  हमारे दिमाग पर समाज, परिवार, दोस्तों, स्कूल, पड़ोस, टी.वी., सोशल मीडिया, हमारी सफलता असफलता और हर चीज जो हम experience करते हैं, से प्रभाव पड़ता है, जिससे खुद के बारे में हमारी एक सोच बन जाती है,

यह आत्म छवि सकारात्मक भी हो सकती है और नकारात्मक भी, सकारात्मक आत्म छवि यानि की खुद के बारे में हमारी एक अच्छी सोच और आत्मविश्वास  (कि मैं सफल अवश्य होऊंगा, मैं कोई भी काम कर सकता हूँ, मेरे लिए सब सम्भव है, मैं सक्षम हूँ यानि खुद पर पूर्ण विश्वास) 

या खुद के बारे में नकारात्मक सोच (खुद पर विश्वास न होना, किसी भी काम को करने में डर कि कहीं मैं fail हो गया तो, मैं सफल नहीं हो पाउँगा, आदि..) 

लेकिन कितने लोग हैं जो अपने बारे में सकारात्मक आत्म छवि रखते हैं, बहुत ही कम, बाकि के लोग विभिन्न असफलताओं, विभिन्न निराशाओं, लोगों के बुरे व्यवहार आदि से हीन भावना का शिकार हो जाते हैं, और खुद के बारे में नकारात्मक हो जाते हैं उनका खुद पर विश्वास कम हो जाता है और वे भविष्य के लिए भी निराश ही महसूस करते है,



क्यों किया जाता है affirmation

देखिये जब आपका विश्वास होता है की कोई काम आप कर पाएंगे तो आप उसे करने में सक्षम होते हैं, और जब आप सोचते हैं की वह काम बेहद मुश्किल है मैं नहीं कर पाउँगा, तो फिर वह आपके लिए असम्भव हो जाता है,

विश्वास जितना बड़ा होता है सफलता मिलने के chances उतने ही अधिक होते हैं, यदि विश्वास नहीं है तो फिर सफलता भी कोसों दूर रहती है,

AFFIRMATION इसी विश्वास को पाने का या बढ़ाने का एक शानदार तरीका है, जिससे खुद के बारे में हम अपनी सोच को पूर्णत: परिवर्तित कर दें और एक सकारात्मक आत्म छवि बना दें की हमारा खुद पर विश्वास इतना मजबूत हो जाये की मैं कोई भी काम करने में सक्षम हूँ.


भविष्य में आप खुद को जैसा देखना चाहते हैं Affirmation में आप खुद से उसी के according communicate करते हैं, जैसे आप खुद को अमीर देखना चाहते हैं तो आप कहेंगे 'मैं बहुत अमीर हूँ', पैसा कमाना मेरे लिए बहुत आसान है या मेरे पास बहुत सारा पैसा है आदि.

इसी प्रकार health, relation, career, happiness आदि से related affirmation से आप वैसे ही बन सकते हैं जैसे आप बनना चाहते हैं,

जैसे मैं स्वस्थ हूँ, मैं खुश हूँ, मैं सफल और अमीर हूँ आदि...



कैसे करें affirmation

मैं आज आपको affirmation करने के वो तरीके बताउंगी जो मैं खुद को हमेशा सकारात्मक, खुश और भविष्य के प्रति सकारात्मक रहने के लिए  प्रयोग करती हूँ,

पहला तरीका ---  मैं हर सुबह उठकर सबसे पहले affirmation करती हूँ, सुबह दिमाग शांत होता है लेकिन जैसे ही हम उठते हैं दिमाग में तरह तरह के विचार आने लगते हैं, इन विचारों को कुछ समय के लिए रोककर तुरंत affirmation सुरु कर देती हूँ,

मैं हर affirmation को लगभग 7-8 दोहराती हूँ, साथ ही दोहराने के साथ साथ visualize भी करती हूँ, Visualize मतलब जो affirmation हम कर रहे हैं खुद को उसी रूप में देखना, जैसे मैंने एक वाक्य बोला कि 'मैं स्वस्थ हूँ,' तो मैं खुद को देखती हूँ की मैं शरीर, मन और मस्तिष्क से पूरी तरह स्वस्थ हूँ. 

आप कोई भी affirmation कर सकते हैं, यदि आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो स्वास्थ्य से सम्बन्धित Affirmation, यदि खुस रहना चाहते हैं तो उसी से related, या करियर आदि से related affirmation, ये आप पर है की आप अपने आप से क्या चाहते हैं,


क्लिक here...कैसे करें Affirmation, 24 AFFIRMATION जो जिंदगी बदल देंगे,


वही affirmation जो आप सुबह करते हैं, शाम को सोने से पहले भी अवश्य करें, रात को आप सोने से पहले वो विचार अपने मन में डाल देते हैं जो आपके मन मस्तिष्क में दृढ़ता से गढने लगते हैं. और जब आपका मन धीरे-धीरे उन्हें स्वीकार करने लगता है और आपको वही बनने में हर सम्भव कोशिस करता है.

दूसरा तरीका --- 

दोस्तों यह तरीका आपको किसी और ने नहीं बताया होगा, क्योंकि यह मैंने खुद से सुरु किया है, और मेरे लिए ज्यादा असरदार है, 

इस तरीके में मैं हर दिन के लिए एक Affirmation या कोई भी एक सकारात्मक वाक्य चुन लेती हूँ,

जैसे मैंने चुना 'आज मैं दृढ संकल्प हूँ जो काम करना है तो करना है' फिर चाहे जो हो जाये मैं अपना हर काम तुरंत पूरा करती हूँ और दिन में जितनी बार हो खुद को याद दिलाती हूँ की हर काम तुरंत करना है, इससे मेरा पूरा फोकस उसी काम पर आ जाता है,

इसी प्रकार किसी दिन चुनती हूँ 'आज मैं बहुत खुस हूँ' फिर पूरा दिन ख़ुशी से जीती हूँ या Today I am Boost, Active and Energetic.. और उसी की according react करती हूँ.

इस तरीके में आपको दिन भर खुद को याद दिलाना होता है की आज का आपका क्या प्रण हैं और फिर उसी ओर आप अपनी सोच मोड़ देते हैं, इससे आप अपने दिमाग को धीरे- धीरे अपने नियन्त्रण में कर लेते हैं और आपके दिमाग में नकारात्मक बाते हावी नहीं हो पाती हैं.

इस तरीके में आपको हर दिन अलग अलग बाते खुद पर लागू करनी होती है अत: इसमे आपको बोरियत नहीं आती बल्कि Excitement रहता है की आज क्या नया किया जाये.

आप कुछ और वाक्य इस प्रकार चुन सकते हैं...

1. आज मैं अपने काम में बहुत ही focused हूँ,

2. आज मैं सब लोगों में सिर्फ अच्छाई देखने वाला हूँ,

3. आज मेरा अपनी सोच पर पूर्ण नियन्त्रण है,

4. मैं हर समय कुछ सीखने के लिए तैयार हूँ,

5. मैं बहुत सफल और अमीर हूँ,

6. आज मैं बहुत peaceful हूँ,
    etc.......
और पूरे दिन आपको उसी सोच पर फोकस करना हैं जो आप उस दिन के लिए चुनते  हैं,


चलो आज में जीते हैं 

दोस्तों जिन्दगी को बेहतर ढंग से जीने का एक खूबसूरत तरीका है-- 'एक-एक दिन के आधार पर जीना'  
यानि की आज में जीना,

जब भी हमें कोई बड़ा बदलाव करना होता है, या कुछ बड़ा हासिल करना होता है या किसी बड़ी समस्या का समाधान करना होता है, तो उसे एक दिन में नही किया जा सकता, उसके लिये शायद हमे कुछ हफ्ते लगें या कुछ महीने या फिर कुछ साल लग जाएँ,

जैसे आपको किसी लक्ष्य को हासिल करने में 5 साल लग सकते हैं, यदि आप सिर्फ ये सोचते रहें की कैसे मैं  सालों तक इसके लिए तैयारी करूंगा, या आपके घर में कोई लम्बे समय से बीमार है तो आप सोचते रहें की कैसे मैं सालों तक इनकी सेवा करूं, तो ये आपके हौसलों को तोड़ देगा और आप निराशा से भर सकते हैं,

इसके विपरीत आपको एक दिन के आधार पर जीना होगा, मैं अपने लक्ष्य की तैयारी करूंगा एक एक दिन करके, मैं अपने बुजुर्ग दादा- दादी की सेवा करूंगा एक एक दिन करके, मैं अपनी आद्ते बदलूँगा एक एक दिन करके.

आपको हर सुबह उठकर उस दिन के लिए मुस्कराहट के साथ तैयार होना है, आपको आज के लिए वो सारी शक्ति, ऊर्जा और उत्साह मिला है जो आपके आज को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है,

अब ये शक्ति ऊर्जा आपके दिन भर में आपका साथ कैसे देगी इसके लिए आपको हर दिन के लिए एक Affirmation या एक Positive वाक्य चुनना होगा और फिर पूरे दिन वह सकारात्मक वाक्य आपको शक्ति प्रदान करेगा और आपको अपने लक्ष्य के एक कदम और नजदीक ले जायेगा.

सोचिये यदि आप खुद भी हर दिन एक सकारात्मक वाक्य अपनाते हैं और अपने घर के बच्चों को भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं तो जिन्दगी में कितना बड़ा बदलाव आ सकता है और यदि आप एक शिक्षक हैं तो इसे अपने स्टूडेंट को अपनाने के लिए प्रेरित करें,


क्या हैं इसके फायदे 

1. दिमाग का आपपर नहीं, आपका दिमाग पर नियन्त्रण होने लगता है.

2. आपकी जिन्दगी में सकारात्मक बदलाव की सुरुआत.

3. नकारात्मकता आपसे दूर होने लगती है,

4. परिस्थितियों को देखने का आपका नजरिया बदलने लगता है,

5. अपने काम में आप ज्यादा फोकस होने लगते हैं,

6. आप ज्यादा खुश और आत्मविश्वासी हो जाते हैं,

7. अपने काम के प्रति ज्यादा dedicated हो जाते हैं,

8. भविष्य के प्रति ज्यादा सकारात्मक हो जाते हैं,

आपके काम में, सोच मे, रिश्तों में, नजरिये में सकारात्मक बदलाव आने लगता है और धीरे धीरे आप एक भिन्न व्यक्ति बन जाते हैं, एक ऐसा इन्सान जैसा आप हमेशा से बनना चाहते थे.

ये भी पढ़ें...what is affirmation and how it work in hindi, क्या है affirmation और कैसे काम करता है


CONCLUSION 

यकीनन सकारात्मक Affirmation आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं, जिससे आप न सिर्फ आज बल्कि भविष्य के प्रति ज्यादा आशावादी, उत्सुक और सकारात्मक होते हैं, सही Affirmation आपके जीवन को सही दिशा की ओर मोड़ते हैं और आपको अपने लक्ष्यों तक पहुचना ज्यादा आसान लगता है, आप अपनी एक अच्छी आत्म छवि और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते हैं और आपके लिए जीवन ज्यादा खूबसूरत हो जाता है.